ज़िन्दगी के साथ जो रहती हैं सारी उलझनें

ज़िन्दगी के साथ जो रहती हैं सारी उलझनें कुछ अजानी और कुछ हैं नामधारी उलझनें   जितना सुलझाते गए, उतनी उलझती ही गईं आदमी थक-हार बैठा पर न हारी उलझनें   अपनी-अपनी उलझनों में लोग हैं उलझे हुए है किसे फ़ुर्सत जो सुलझाए तुम्हार उलझनें   घर तपोवन थे ये दुनिया स्वर्ग का प्रतिरूप थी … Continue reading ज़िन्दगी के साथ जो रहती हैं सारी उलझनें